माह: अप्रैल 2020

प्रावधान का संसार

मध्य रात्रि बीत चुकी है जब जेम्स, जो एक मछुआरा है मछली पकड़ने के लिए समुद्र में जाता है l शुरूआती घंटा उसे परेशान नहीं करता है l “मछली पकड़ना शुरु करने से पूर्व जीवन बहुत कठिन था,” वह कहता है l “मेरे पास आय का कोई श्रोत नहीं था l” अब, समुद्री-संरक्षण कार्यक्रम(marine-protection program) के सदस्य के रूप में वह अपनी आय को बढ़ाता और स्थिर करते हुए देखता है lवह आगे कहता है, “हम परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं कि यह प्रोजेक्ट आया l”

यह बड़े रूप में दिखाई दिया क्योंकि जो उनके प्रोजेक्ट की ज़रूरत है अर्थात् समुद्री जीव की एक प्राकृतिक आपूर्ति, उसे परमेश्वर की रचना ने प्रबंध किया l हमारे प्रबंध करनेवाले परमेश्वर की प्रशंसा में, भजनकार ने लिखा, “तू पशुओं के लिए घास, और मनुष्यों के काम के लिए अन्न आदि उपजाता है” (भजन 104:14) l उसके साथ ही, “समुद्र . . . है, और उसमें अनगिनित जलचर, जीव-जन्तु, क्या छोटे, क्या बड़े भरे पड़े हैं” (पद.25) l

यह वास्तव में आश्चर्य की बात है कि किस प्रकार परमेश्वर की आश्चर्यजनक रचना हमारे लिए प्रबंध भी करती है l उदहारण के लिए, मछली, एक स्वस्थ समुद्री खाद्य श्रृंखला बनाने में मदद करती है l सावधानी से मछली पकड़ना, बदले में, जेम्स और उसके पड़ोसियों को एक जीवित मजदूरी देता है l

परमेश्वर की रचना में कुछ भी निरुद्देश्य नहीं है l वह यह सब अपनी महिमा और हमारी भलाई के लिए करता है lइस प्रकार, “मैं जीवन भर यहोवा का गीत गाता रहूँगा, भजन कार कहता है (पद.33) l  जब हम उन सभी चीजों पर विचार करते हैं जो वह प्रबंध करता है, तो आज हम भी उसकी प्रशंसा कर सकते हैं l

महामारी का भय

कोरोना महामारी अपनी तरह की पहली महामारी नहीं है। गूगल मुझे बताती है कि पूरे इतिहास में 20 से अधिक सूचित महामारियाँ…

दोबारा दोस्त

एक माँ और उसकी छोटी बेटी एक दिन चर्च में बैठे हैं l सेवा के दौरान, लोगों को सार्वजनिक रूप से परमेश्वर की क्षमा प्राप्त करने का अवसर दिया जाता है l हर बार जब कोई ऐसा करने के लिए आगे बढ़ता है, तो छोटी लड़की ताली बजाने लगती है l “मुझे खेद है, ”बाद में माँ ने कलीसिया के अगुआ से कहा, “मैंने अपनी बेटी को समझाया कि पश्चाताप हमें परमेश्वर के साथ फिर से दोस्त बनाता है, और वह केवल सभी के लिए आनंद मनाना  चाहती थी l

माँ के शब्द एक बच्चे के दिमाग के लिए सहज बनाया गया, सुसमाचार की एक अच्छी व्याख्या थी l एक समय परमेश्वर के शत्रु, मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा उससे हमारा मेल हुआ है (रोमियों 5:9-10) lअब हम वास्तव में परमेश्वर के दोस्त हैं l चूँकि हम दोस्ती को तोड़ने वाले थे (पद.8), पश्चाताप बहाली प्रक्रिया को पूरा करने में हमारा हिस्सा है l और छोटी लड़की की प्रतिक्रिया इससे और बेहतर नहीं हो सकती थी l इसलिए कि एक व्यक्ति के पश्चाताप करने पर सम्पूर्ण स्वर्ग ताली बजाता है (लूका 15:10), तो वह अनजाने में उस प्रशंसा को प्रतिध्वनित कर रही थी l

यीशु ने अपने मेल करने के कार्य का समान शब्दों में वर्णन किए l“इससे बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिए अपने प्राण दे” (यूहन्ना 15:13) l हमारे प्रति मित्रता के इस त्यागपूर्ण कार्य के परिणामस्वरूप, अब हम उसके मित्र हो सकते हैं l “मैं तुम्हें दास न कहूँगा . . . परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है” (15:15) l

एक समय परमेश्वर के शत्रु, अब हम परमेश्वर के मित्र हैं l यह एक अभिभूत करनेवाली सोच है l और ताली के लायक l

कुछ समय पूर्व जनवरी में, कोरोना महामारी के नाम सुनने से बहुत पहले ही हमने निर्णय लिया था की “सहने…

एक वैश्विक वायरस हजारों को मारता है। पूरे भारत में लॉकडाउन । हम एक ऐसी दौड़ में जीवित हैं जिसकी हम…

गायन क्रांति

एक क्रांति को प्रज्वलित करने में क्या लगता है? बंदूकें? बम? गुरिल्ला युद्ध? 1980 के दशक के अंत के एस्टोनिया में, गानो से क्रांति आई lदशकों तक लोग सोवियत कब्जे के बोझ तले दबे रहने के बाद, देशभक्ति गीतों की श्रृखला के गायन के साथ एक आन्दोलन शुरू हुया l इन गीतों ने “गायन क्रांति “Singing Revolution)” को जन्म दिया, जिसने 1991 में एस्टोनियाई स्वतंत्रता को बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी l

उस आन्दोलन का वर्णन करनेवाली एक वेबसाइट कहती है, “यह एक अहिंसक क्रांति थी जिसने बहुत ही हिंसक कब्जे को उलट दिया l” “लेकिन गायन हमेशा एस्टोनियाई लोगों के लिए एक करनेवाला एक प्रमुख बल था, जब उन्होंने सोवियत शासन के अधीन पचास साल सहन किये l” 

संगीत हमारे अपने कठिन समयों में हमारी मदद करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है l मुझे आश्चर्य है कि शायद इसीलिए हम इतनी आसानी से भजन के साथ पहचान बना लेते हैं l आत्मा की अँधेरी रात थी जब भजनकार ने गया, “हे मेरे प्राण, तू क्यों गिया जाता है ? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है ? परमेश्वर पर आशा लगाए रख; क्योंकि मैं उसके दार्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूंगा” (भजन 42:5) l यह गहरी मायूसी के मौसम में था कि उपासना का अगुआ, आसाप, ने खुद को याद दिलाया, “सचमुच इस्राएल के लिए अर्थात् शुद्ध मनवालों के लिए परमेश्वर भला है” (73:1) l

हमारे अपने चुनौतीपूर्ण समय में, क्या हम भजनकारों के साथ अपने दिलों के लिए गायन क्रांति में शामिल हो सकते हैं l इस तरह की क्रांति निराशा और भ्रम के व्यक्तिगत उत्पीड़न को परमेश्वर के महान प्रेम और विश्वास में विश्वास के पूर्ण भरोसे के साथ पराजित करता है l